नई दिल्ली. चार दिसंबर 2023 से 22 दिसंबर 2023 तक संसद का शीतकालीन सत्र चलेगा. सरकार ने दो दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि सत्र के दौरान बिना किसी बाधा के कार्यवाही चल सके. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी है. आमतौर पर सर्वदलीय बैठक सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती है, लेकिन इस बार तीन दिसंबर को पांच राज्यों में वोटों की गिनती होनी है. इसके चलते बैठक दो दिसंबर को बुलाई गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा. बाकी के चार राज्यों में मतदान हो चुका है.
विधानसभा चुनाव के नतीजों का सत्र पर पड़ेगा असर
विधानसभा चुनाव के नतीजों का सत्र पर बड़ा असर पड़ेगा. शीतसत्र के दौरान सरकार की योजना कई प्रमुख विधेयकों को पारित करने की है. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट संसद के इस शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाएगी. आचार समिति ने मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है. इसको लेकर हंगामा हो सकता है.
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति विधेयक पर हो सकती है चर्चा
संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है. सत्र के दौरान सरकार इसे पास कराने की कोशिश करेगी. इसपर चर्चा कराई जा सकती है. इस विधेयक को मानसून सत्र में पेश किया गया था. इस विधेयक को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया.